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Monday 17 August 2020

पूर्ण हुआ भूमि पूजन, अयोध्या यह चाहती है!

अयोध्या में 5 सदी के इंतज़ार के बाद 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आतिथेय में भूमि पूजन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। रामजन्म भूमि तीर्थ ट्रस्ट के प्रधानमंत्री को अयोध्या आगमन न्योते के पहले से ही कहीं ना कहीं अयोध्या के मन मे यह कयास जागने लगी थी, कि पीएम मोदी का अयोध्या दौर कई परियोजनाओं की मधुर बेला लेकर आएंगे, लेकिन पीएम मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर से यह बताया कि उनका अयोध्यादौरा पूर्ण रूप से व्यक्तिगत होगा।


व्यक्तिगत दौरे की ख़बर से अयोधया को व्यक्तिगत तौर पर कोई धक्का लगने की ख़बर तो नही रही लेकिन हाँ जिन्होंने सदियों से राममन्दिर के भूमि पूजन का इंतज़ार किया है, उनके मन मे अयोध्या के सर्वांगीण विकास की परिधि को बढ़ाये जाने का भी इंतज़ार जहन में थपथपे मार रहा था। 


हिन्दुओं के रीति रिवाज से और लगन नक्षत्र से मन्दिर निर्माण के लिए पीएम मोदी ने आधारशिला रखी और भूमि पूजन किया। राजा विक्रमादित्य के बाद यह अकल्पनीय मंगल अयोध्या में पूर्ण हुआ। राम भक्तो के मन मे राम के वास की विश्वशनियता ने मुहर लगाई वहीं 1990, 1992 में शहीद कारसेवको के बलिदान की सार्थकता श्रधांजलि बनी। 


अयोध्या में पीएम मोदी ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में यह कहा कि अयोध्या में जैसे जैसे मन्दिर निर्माण बढ़ेगा आर्थिक तन्त्र मजबूत होगा, यह कहीं न कहीं भविष्य के कालचक्र में सिद्ध भी होगा। अयोध्यावासियों ने कई सदियों से राम के लिए संघर्ष किया है। किसी ने अपने परिवार का अंश खोया, तो किसी ने अपनी रोजीरोटी के आधार को भी राम के लिए निर्छावर कर दिया। समय तो बदला लेकिन समय की घटनाएँ ताज़ा रही। पीएम मोदी ने इतिहास में दर्ज कई बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी और प्रगति के पथ पर अयोध्या बढ़े इसका मूल मंत्र भी दिया । 


विवादों की अयोध्या में तन, मन, और धन से रामभक्तो ने राम का जाप किया। लेकिन बिन रोटी सब सून की कहावत इंसान का पीछा नही छोड़ती। अब अयोध्या चाहती है कि अयोध्या और उसके आसपास के जनपदों में आर्थिक, सामाजिक रूप से विकास शुरू हो। यहाँ कोई नाम देने की आवश्यकता नही कि किसने क्या कहा और कौन क्या चाहता है। सर्वविदित है कि अयोध्या विश्वपटल पर आने के साथ साथ व्यापार, रोजगार, पर्यटन के क्षेत्र में और उद्योग का बढ़ावा सीधे तौर पर अयोध्या को मिले। अयोध्या में मिल खोली जाए तो वही व्यापार को बधाने के लिए आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए सरकार भी सहयोग करे। 

( लेखक के अपने विचार) 

अभिषेक सावन्त